नाच ना जाने आंगन टेढ़ा
"अगर तुम्हे यह काम करना आता तो इस तरह से तुम बहाने नही बनाते। तुम तो वही बात कर रहे हो कि नाच न जाने आंगन टेढ़ा और तो और तुम्हारा इस फ़ाइल में किया गया काम भी यही बयां कर रहा है कि तुम्हारे लिए तो हर काम नाच न जाने आंगन टेढा़ जैसा ही है।" अहसान ने रजत के सामने टेबल पर उसकी दी हुई फाइल को पढ़ने के बाद गुस्से में पटकते हुए कहा।
रजत को अहसान का ऑफिस ज्वाइन किए छ: महीने से ऊपर हो चुके थे लेकिन आज तक वह ऑफिस के काम सीखने में असमर्थ रहा था या यूं कहें कि वह कामचोरी के कारण सीखना ही नही चाहता था। शुरू - शुरू में तो सब स्टाफ्स ने उसके काम कर दिए थे यें सोचकर कि इसी बहाने इसे मालूम तो हो जाएगा कि ये काम किए कैसे जाते हैं लेकिन हर बार जब रजत अपना काम दूसरों को सौंप कर किसी ना किसी बहाने उनके पास से हटकर दूसरी जगह पर दूसरों से गप्पे हांक रहा होता सब समझ जाते कि कुछ भी नया सीखने की ललक इसमें नही है।
कभी - कभी बड़ी सिफारिश से आया बंदा सबके लिए गले की ऐसी हड्डी बन जाता है जिसे ना तो गले के भीतर निगला जाता है और ना ही उगलने का सोचा जाता है। सभी के लिए रजत वैसे ही हड्डी दिन - प्रतिदिन बनता जा रहा था। रजत का बॉस अहसान भी इस बात को बखूबी जानता था लेकिन अपने साले की सिफारिश पर आए बंदे को किसी भी तरह वह झेल रहा था।
हद तो बाॅस के लिए तब हो जाती थी जब कभी वह अपनी कामचोरी में पकड़ा जाता और जब उससे इसका कारण पूछा जाता तो वह ऐसा बहाना बनाता जैसे कि उसे नृत्य करना तो आता है लेकिन उसे करने के लिए जगह और समय उपयुक्त नहीं है। कहने का अर्थ यह है कि लोगों को वह यह समझाने की कोशिश करता कि उसे यह काम तो आता है लेकिन उसे इस वक्त इससे भी जरूरी और भी काम थे इसीलिए वह उन कामों को करने में लग गया था जिसकी वजह से यह काम अभी तक नहीं हो पाया है।
आज भी अहसान ने उसे एक महत्वपूर्ण काम दिया था और ये कह कर दिया था कि इसे दो घंटे के अंदर में तैयार कर मेरे पास लाओ। रजक ने उस प्रोजेक्ट की फाइल बनवाने के लिए और लोगों की मदद लेनी चाही थी लेकिन रजत के व्यवहार से अब तक सब वाकिफ हो चुके थे इसलिए सब ने कोई ना कोई बहाना करके अपनी व्यस्तता उसके सामने रख दी थी और इस तरह से आज रजत का काम किसी ने नहीं किया था और जब दो घंटे बाद रजत को उसके बॉस अहसान ने बुलाया तो प्रोजेक्ट फाइल देखकर उसका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने बिना कुछ सोचे - समझे रजत को खरी-खोटी सुना दी थी।
अहसान ने किसी तरह अपने गुस्से पर काबू कर तुरंत ही अपने साले को फोन किया और उसे तुरंत ऑफिस में आने के लिए कहा। करीब आधे घंटे बाद उसका साला उसके सामने खड़ा था और पास में ही रजत भी था। अपने साले को कुर्सी पर बैठने का इशारा कर पहले तो अहसान ने टेबल पर रखे पानी के गिलास को उठाया और एक ही घूंट में गटागट पी गया, उसके बाद अपनी कुर्सी पर बैठकर गहरी सांस लेने के बाद उसने अपने साले से साफ - साफ कह दिया कि 'नाच ना जाने आंगन टेढ़ा' जैसा व्यक्तित्व रखने वाले आदमी को मैं अपने ऑफिस में रख नहीं सकता इसे तुम ही लेकर आए थे और तुम ही लेकर जाओ।
उस दिन के बाद से अहसान के ऑफिस में तो किसी ने रजत को नहीं देखा लेकिन उसके साले के ऑफिस में रजत वही सब कर रहा था जो अब तक करता आ रहा था क्योंकि कुछ लोग अपनी आदतों से कभी बाज नही आते।
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धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
गुॅंजन कमल 💗💞💗
# मुहावरों की दुनिया
डॉ. रामबली मिश्र
18-Feb-2023 09:36 PM
शानदार
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अदिति झा
17-Feb-2023 10:49 AM
Nice
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Varsha_Upadhyay
16-Feb-2023 08:48 PM
बहुत खूब
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